Agarbatti (incense)जलाना भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा हैं। चाहे पूजा पाठ हो ,ध्यान साधना हो या फिर घर मैं सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने की बात ,अगरबत्ती की खुशबू वातावरण को शुद्ध और शांत करती हैं । वास्तु शास्त्र के अनुसार ,अगरबत्ती का प्रयोग दिशा ,स्थान और समय पर किया जाए ,तो इसका प्रभाव और भी लाभकारी हो सकता हैं । आइए जाने विस्तार मैं।

अगरबत्ती ( incense) जलाने की सही दिशा क्या हैं ?
- पूर्व दिशा (east)
सूर्य की दिशा हैं ,सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत।
यहा अगरबत्ती जलाना दिन की शुभ शुरुवात के लिए उत्तम हैं।
- उत्तर – पूर्व दिशा (ईशान्य कोण )
पूजा स्थान के लिए सबसे श्रेष्ठ मानी जाती हैं।
यह अगरबत्ती जलाने से बुद्धि ,स्वास्थ और शांति बढ़ती हैं।
- उत्तर दिशा
यह धन और समृद्धि की दिशा मानी जाती हैं।
अगरबत्ती यह जलाने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती हैं।
- दक्षिण दिशा
ये यम की दिशा मणि जाती हैं ।
यह अगरबत्ती जलाना वास्तु दोष पैदा कर सकता हैं।
घर मैं अगरबत्ती जानने की सही जगह ?
जगह | वास्तु के अनुसार कारण |
---|---|
🪔 पूजा घर | ईश्वरीय उपस्थिति और ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए सबसे उपयुक्त। |
🚪 मुख्य द्वार के पास (भीतर की ओर) | बाहर की नकारात्मकता को रोकता है और स्वागत करता है शुभ ऊर्जा का। |
🛋 ड्राइंग रूम का उत्तर-पूर्व कोना | घर की सामूहिक ऊर्जा को सकारात्मक बनाए रखने में सहायक। |
🛏 बेडरूम में (हल्की खुशबू) | तनाव मुक्त वातावरण और अच्छी नींद के लिए। लेकिन रोज़ ना जलाएं। |
अगरबत्ती (incense) जलाने का सही समय
⏰सुबह का समय ( 5.30 am – 8:00 am )
- ब्रह्म मुहूर्त के समय वातावरण सबसे शांत और शुद्ध और शांत होता हैं।
- इस समय अगरबत्ती जलाना पूरे दिन के लिए सकारात्मक ऊर्जा देता हैं।
🌇शाम का समय (6:00 pm – 8 :00 pm)
- सूर्यास्त के समय घर मैं अंधकार और नकारात्मकता बढ़ती हैं।
- अगरबत्ती की सुगंध उस ऊर्जा को संतुलित करती हैं।
🧘♀️पूजा और ध्यान से पहले
- मानसिक एकाग्रता और ईश्वरीय जुड़ाव के लिए अगरबत्ती अनिवार्य मणि जाती हैं।
Agarbatti रखने की दिशा और तरीका
बिंदु | वास्तु सुझाव |
---|---|
✅ मूर्ति के दाएं ओर रखें | देवी-देवताओं की मूर्ति के दाएं ओर अगरबत्ती रखने से पूजा स्वीकार होती है। |
❌ बाईं ओर न रखें | यह अपशकुन और ऊर्जा का रुकाव मानी जाती है। |
❌ फर्श पर न रखें | अगरबत्ती को हमेशा स्टैंड या थाली में रखें। |
✅ जलती हुई अगरबत्ती हवा की सीधी दिशा में न हो | ताकि धुआं मूर्ति या चेहरे की ओर न जाए। |
घर के अनुसार अगरबत्ती दिशा निर्धारण :
- घर की पूजा घर किस दिशा मैं हैं ? अगरबत्ती कहा जलाए ?
घर का पूजा घर किस दिशा में है? | अगरबत्ती कहाँ जलाएं? |
---|---|
पूर्व या उत्तर | ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) |
पश्चिम | पूजा घर के दाएं ओर |
दक्षिण-पश्चिम | दिशा परिवर्तन करें, पूजा घर उत्तर/पूर्व में बनाएं |
कुछ जरूरी वस्तु उपाय
- हर मंगलवार और शनिवार को विशेष अगरबत्ती ( जैसे लोबान) जलाना vastu दोष कम करता हैं।
- पूरे घर मैं सुबह सुबह घूमकर अगरबत्ती घुमाना पुराने नकारात्मक vibes को खत्म करता हैं।
- लोबान या चंदन की अगरबत्ती से वातावरण शुद्ध और शांत होता हैं।
सारांश
अगरबत्ती (incense) जलाने का उद्देश सिर्फ खुशबू नहीं हैं। यह ऊर्जा की दिशा ,शांति की अनुभूति और home vastu का संतुलन का एक गहरा और प्रभावी उपाय हैं। यदि आप इसे वास्तु के अनुसार सही दिशा ,स्थान और समय पर जलाते हैं ,तो यह आपके घर को न सिर्फ सुंदर बनाता हैं ,बल्कि भाग्यशाली और शांतिपूर्ण भी।
FAQ :
- Q1.क्या अगरबत्ती हर दिन जलानी चाहिए ?
हाँ ,अगरबत्ती रोज सुबह और शाम को जलाना शुभ माना जाता हैं । यह वातावरण को पवित्र करता हैं और मानसिक शांति देता हैं।
- Q2.अगरबत्ती (incense) जलानी की सबसे शुभ दिशा कौन सी हैं ?
Vastu shastra के अनुसार उत्तर पूर्व (ईशान्य कोण ) और पूर्व दिशा मैं अगरबत्ती जलाना सबसे शुभ होता हैं। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं।
- Q3.क्या दक्षिण दिशा मैं अगरबत्ती जलाना गलत हैं ?
हाँ ,दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी जाती हैं । यह अगरबत्ती जलाने से negative energy बढ़ सकती हैं ,इसलिए इससे बचना चाहिए ।
- Q4.पूजा मैं अगरबत्ती को मूर्ति के किस और रखना चाहिए ?
अगरबत्ती को हमेशा मूर्ति के दाएँ और रखना चाहिए । बाई और रखना अशुभ और वर्जित मन जाता हैं।
- Q5.अगर घर मैं वस्तु दोष हैं तो कौन सी अगरबत्ती उपयोग करे
home vastu दूर करने के लिए लोबान या कपूर युक्त अगरबत्ती सबसे प्रभावी मानी जाती हैं । इसे रोज सुबह शाम जलाए ।
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